पहला अंतर 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे *ध्वजारोहण कहा जाता है क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है जब प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया था। संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting ( ध्वजारोहण ) कहा जाता है। जबकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है, संविधान में इसे Flag Unfurling (झंडा फहराना) कहा जाता है। दूसरा अंतर 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जो कि केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं वो ध्वजारोहण करते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं। जबकि 26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं तीसरा अंतर स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया जा...
JP Nagar - 2nd December 1984 30 वर्ष से भी ज्यादा का समय बीत चुका है भोपाल की वह दर्दनाक और भयावह रात बीते हुए आज भी कहीं उसका जिक्र होता है तो रूह कांप उठती है अगर आपको 2 दिसंबर की रात है भोपाल में क्या हुआ था इसकी जानकारी नहीं है तो बताते आपको कि 2 दिसंबर 1984 की उस कलंकित रात हजारों मासूमों को अपने चपेट में ले लिया था! यूनियन कार्बाईड नाम का कारखाना जो भोपाल में स्थित है इससे एक जहरीली गैस के रिसाव के कारण पूरे शहर में मौत का तांडव मच गया था आज भी कई बड़े-बड़े नेता और लोग भोपाल की उस भयावह रात के बारे में कई अनेक टिप्पणियां देते नजर आते हैं क्या सच है क्या झूठ है कोई यह नहीं बता सकता शिवाय उस व्यक्ति के जिसने उस तक रात को अपनी आंखों से देखा हो और सिर्फ देखना ही काफी नहीं जिसने उस त्रासदी को जिया हो और बेहद और करीब से देखा हो भोपाल का जयप्रकाश नगर जिसे जेपी नगर कहा जाता है यही वह इलाका है जिसे 1984 की 2 और 3 दिसंबर की उस भयावह रात का गवाह बना था उसे याद करते हुए आज भी यहां रहने वाले की रूह कांप उठती है इसी दिन जेपी नगर के सामने बने यूनियन कार्बाइड के कारखाने में एक ...